अजब गजब: दादा गुरू ने चौंकाया चिकित्सकों को, करीब 4 साल से केवल नर्मदा के जल पर रहे जीवित, जानकर उड़ जाएंगे होश
- बिना खाने के करीब 4 साल रहे जीवित
- वैज्ञानिकों ने किया इन पर रिसर्च
- दादा गुरू ने बताया मां नर्मदा की महिमा के बारे में
डिजिटल डेस्क, भोपाल। एमपी में एक संत हैं जो विज्ञान के लिए चुनौती मन चुके हैं। उन पर रिसर्च हो रही है। क्योंकि एमपी के वे संत पिछले 47 महीने से केवल नर्मदा जल पर ही निर्भर हैं। इतना ही नहीं बल्कि बाबा बिना पानी के बिना भी कई दिन गुजार सकते हैं। जिससे ना तो उनके चेहरे के तेज में कोई कमी आती है और ना ही उनकी सेहत में कोई परेशानी आती है। साथ ही वह आराम से काम कर लेते हैं और ना ही थकते हैं और ना ही रुकते हैं। जिसके बाद गर्मी के मौसम में एम्स से आए डॉक्टर ने उन पर रिसर्च करनी शुरू कर दी थी।
मेडिकल रिपोर्ट्स अभी बाकी
दादा गुरू ने करते हुए बताया कि राज्य शासन को मेडिकल एक्सपर्ट्स ने जो रिपोर्ट दी थी, उसमें कहा था कि यह अपने आप में विश्व चिकित्सा जगत में पहली बार हुआ है। जब नर्मदा नदी के तट से समूचे विश्व में सनातन संस्कृति की जीवंत प्रमाणिकता मिली है। हालांकि, रिसर्च में जो मिला उसकी रिपोर्ट अभी पब्लिक नहीं की गई है। रिपोर्ट आने के बाद मालूम पड़ेगा कि वह क्या है जो दादा गुरू को बिना कुछ खाए पीए इतनी एनर्जी प्रदान कर रहा है।
क्या सच है नर्मदा?
दादा गुरू महाराज पर्यावरण की तरफ लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वह एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सागर पहुंचे और वहां करीब 1101 पोधे लगाए। दादा गुरू के अनुयायी डॉ. अनिल तिवारी ने बताया कि दिल्ली एम्स ने इन पर करीब 900 पेज की रिसर्च किया। लास्ट में सिर्फ एक लाइन लिखी कि 'नर्मदा ही सत्य है'।
क्या है मां नर्मदा की महिमा?
दादा गुरू ने बताया कि दुनिया के ज्ञानियों को नर्मदा तट पर बुलाया तब वहां का तापमान करीब 44 से 45 डिग्री तक था। साथ ही उस समय देश में हीट वेव चल रही थी। जिससे जान तक का खतरा बना हुआ था। तब उन्होंने कहा था कि, "मैं नर्मदा की वेब पर हूं। यह जीवन उनकी देन है। उन्हीं के तरंगों पर चल रहा हूं। इसके बाद रोजाना कभी 30 तो कभी 35 नहीं तो 40 किलो मीटर चलकर दिखाया। और उन्हें बताया कि यह मां नर्मदा का सामर्थ्य है। वह विंध्याचल की हवा है। नर्मदा के तट दुनिया के असाधारण पथ हैं, जिस पथ के कंड़-कंड़ में शिव हैं।"